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पर्यावरण और हम - लेखनी प्रतियोगिता -05-Jun-2022

हरित वस्त्र पहन थी धरती माता मुस्कुराती
फल-फूलों से कर श्रृंगार थी मन को हर्षाती।

लहराते हुए पेड़ देते थे मधुरिम सुगंधित हवा
पक्षियों का चहकना हर दर्द पर लगाता दवा।

बारिश धरती को स्नान करा ताजगी लाती
सज-धज कर धरती माता अत्यंत इठलाती।

आज हुआ धरती का सुहाना रूप बदरंग
हरियाली की जगह बंजरता का पाया संग।

धरती माता दर्द से तड़प कर रही हैं चीत्कार
परोपकारी प्रकृति पर मानव बंद करो अत्याचार।

प्रकृति हर पल माँ बन करती है तुम्हारा पोषण
दानव बन तुम क्यों कर रहे हो उसका शोषण।

अंधाधुंध वृक्ष काटकर खो दोगे जीवन आधार
नित्य लगाओ नए-नए वृक्ष करो प्रकृति से प्यार।

पक्षियों को दे दाना-पानी करो उनका संरक्षण
पक्षी विलुप्तीकरण रोक, बचाओ पर्यावरण क्षरण।

यातायात के साधनों का करो सही ढंग से प्रयोग
कहीं ये वायु में फैला प्रदूषण सौगात में दें न रोग।

कल-कारखानों के कचरे से नदियाँ करो ना दूषित
जल प्रदूषण की विषमता से जीवन की होगी इति।

अन्न, वायु और जल की गुणवत्ता का करो ना यूँ नाश
महामारी बन बरसेगा प्रकोप मानव का होगा विनाश।

आती वर्षा, ग्रीष्म, शरद, हेमंत, शिशिर वसंत
आनंद और उत्साह का ऋतुएँ होने ना दें अंत।

बचाएँ जंगल जिससे ये ऋतु चक्र टूटने ना पाए
गर्मी से त्रस्त प्राणी धरती पर हाहाकार न मचाए।

विकास की तेज़ दौड़ में पर्यावरण को मानव भूले
बढ़ते तापमान के थपेड़े धरती माता कैसे झेले।

पॉलीथिन के प्रयोग पर अब लगाना होगा रोक
अन्यथा समय बीत जाने पर बचेगा सिर्फ़ शोक।

तुलसी, पीपल, बरगद आदि वृक्षों का करो पूजन
लगाकर विविध पौधे धरती को होने ना दो निर्जन।

वस्तुओं के पुन: उपयोग पर डालना होगा जोर
पर्यावरण रक्षा हेतु स्वच्छता जरूरी है चहुँ ओर।

बन पर्यावरण रक्षक अपना कर्त्तव्य निभाना होगा
भक्षण करने वालों को भी अब ये समझाना होगा।

प्रकृति से मिली हर सुविधा की कीमत चुकाना होगा
पर्यावरण हो अनुपम सौंदर्ययुक्त यह प्रण लेना होगा।

दृढ़ निश्चय कर जब सब मिलकर कदम उठाएँगे
धरती माँ की चीत्कार खुशहाली में बदल पाएँगे।

आज लेखनी के माध्यम से पहला कदम उठाते हैं
इसके माध्यम से जन-जन में जागरूकता लाते हैं।

डॉ. अर्पिता अग्रवाल

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20 Comments

Kaushalya Rani

08-Jun-2022 05:47 PM

Nice

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Reyaan

07-Jun-2022 08:29 PM

शानदार प्रस्तुति 👌

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Niraj Pandey

07-Jun-2022 12:20 AM

बहुत ही बेहतरीन संदेश देती रचना👌👌

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Dr. Arpita Agrawal

07-Jun-2022 09:26 AM

बहुत बहुत शुक्रिया 😊😊

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